यमुनानगर, 7 अगस्त (नवदेश टाइम्स) - उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने बताया कि विकास एवं पंचायत विभाग हरियाणा सरकार ने उन ग्रामीण परिवारों को बड़ी राहत दी है जिन्होंने 31 मार्च 2004 से पहले शामलात देह की गैर-कृषि भूमि पर मकान या मकान का हिस्सा बना लिया था। अब ऐसे निर्माणों को कानूनी दर्जा देने की प्रक्रिया अधिसूचित कर दी गई है। यह निर्णय हरियाणा अधिनियम संख्या 19, 2024 तथा हरियाणा अधिनियम संख्या 5, 2025 के माध्यम से लागू किया गया है।
डीसी ने बताया कि मुख्य बिंदु हरियाणा अधिनियम संख्या 19, 2024 (12 दिसंबर 2024) के अनुसार, पंजाब ग्राम शामलात अधिनियम, 191 की धारा 5ए में नया उपखंड (1ए) जोड़ा गया है, जिसमें यह प्रावधान किया गया कि पंचायतें 31 मार्च 2004 से पहले बने घरों को अधिकतम 500 वर्ग गज (निर्माण+ 25 प्रतिशत खुला हिस्सा) तक की शामलात भूमि, बाजार दर पर राज्य सरकार की अनुमति से बेच सकती हैं। यह भूमि किसी जलाशय, तालाब, रेवेन्यू रास्ते या सार्वजनिक उपयोग की भूमि नहीं होनी चाहिए।उपायुक्त ने बताया कि 31 मार्च 2004 से पहले शामलात भूमि पर अनाधिकृत रूप से निर्मित मकानों का नियमितीकरण के लिए जिला में अब तक 21 आवेदन प्राप्त हुए है जिनमें खंड बिलासपुर से 1, खंड छछरौली से 5, खंड जगाधरी से 1, खंड प्रतापनगर से 7, खंड रादौर से 7 आवेदन प्राप्त हुए है।
डीडीपीओ नरेन्द्र सिंह ने बताया कि हरियाणा अधिनियम संख्या 5, 2025 (1 अप्रैल 2025) के तहत उक्त धारा में दो अहम बदलाव किए गए। राज्य सरकार की जगह अब विकास एवं पंचायत विभाग के निदेशक को अनुमति प्रदान करने का अधिकार होगा। बाजार दर की अनिवार्यता हटाकर निर्धारित दर (प्रेसक्राईब्ड रेट) का प्रावधान जोड़ा गया है। उन्होंने बताया कि 17 जनवरी 2025 को अधिसूचित संशोधित नियमों के अनुसार, इच्छुक व्यक्ति पंचायत को निर्धारित प्रारूप में इन नियमों के प्रकाशन की तिथि से 12 मास के अन्दर जिला कलेक्टर को आवेदन कर सकेंगे। भूमि की बाजार दर 31 मार्च 2004 को प्रचलित कलेक्टर रेट के डेढ गुना बराबर होगी। उन्होंने बताया कि 28 अप्रैल 2025 को निदेशक, विकास एवं पंचायत विभाग द्वारा जारी एसओपी में आवेदन की पूरी प्रक्रिया तय की गई है, जिसमें पंचायत प्रस्ताव, खंड एवं जिला स्तर पर जांच और अंतिम अनुमोदन निदेशक द्वारा किया जाएगा।
पात्रता की शर्तें
निर्माण 31 मार्च 2004 से पूर्व हुआ हो।
भूमि किसी जल स्रोत या सार्वजनिक रास्ते की न हो।
कब्जा प्रमाणित हो और आवेदन निर्धारित समय के भीतर किया जाए।
आवश्यक दस्तावेज व प्रक्रिया:-
नाजायज कब्जाधारी को ग्राम पंचायत को आवश्यक दस्तावेजों सहित आवेदन करना होगा जिसके साथ वर्ष 2004 से पूर्व कब्जा वाले मकान का सबूत जैसे बिजली का बिल पानी कनेक्शन इत्यादि, निशानदेही रिपोर्ट, नक्सा, जमाबन्दी, मकान के फोटोग्राफ, आधार कार्ड/ वोटर कार्ड आदि लगे हो।
ग्राम पंचायत व ग्राम सभा द्वारा नियमानुसार प्रस्ताव पारित किया जाएगा।
ग्राम सचिव द्वारा आवश्यक दस्तावेजों सहित केस खण्ड अधिकारी को भेजा जाएगा।
खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी, द्वारा आवश्यक दस्तावेज व 2004 के कलेक्टर रेट सहित अपनी सिफारिश उपायुक्त महोदय को प्रेषित की जाएगी।
उपायुक्त महोदय की ओर से केस निदेशक विकास एवं पंचायत विभाग हरियाणा को भिजवाया जाएगा।
निदेशक विकास एवं पंचायत विभाग हरियाणा द्वारा स्वीकृति प्रदान की जाएगी।
सेल डीड
स्टांप ड्यूटी व अन्य चार्ज निवदेनकर्ता द्वारा वहन किया जाएगा।