आयोग के प्रवक्ता ने बताया कि फरीदाबाद निवासी अपीलकर्ता ने अपने पिता की 19 मार्च 2025 को हुई मृत्यु के पश्चात 22 मार्च को मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया था। लेकिन नगर निगम, एनआईटी ज़ोन-II कार्यालय में कार्यरत क्लर्क की गलती से उन्हें किसी अन्य शिशु का जन्म प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया।
जांच में स्पष्ट हुआ कि संबंधित क्लर्क ने आवेदन की प्रक्रिया के दौरान गलत प्रमाण पत्र अपलोड किया और आवेदन को बंद कर दिया, जिससे अपीलकर्ता को मानसिक व प्रशासनिक परेशानी का सामना करना पड़ा।
आयोग ने इस त्रुटि को गंभीर प्रशासनिक लापरवाही मानते हुए हरियाणा राइट टू सर्विस अधिनियम, 2014 की धारा 17(1)(ह) के तहत क्लर्क पर 3,000 रूपये का जुर्माना और पीड़ित नागरिक को तीन हजार की क्षतिपूर्ति देने का आदेश जारी किया है। यह कुल छह हजार की राशि क्लर्क के जुलाई 2025 के वेतन से काटकर अगस्त 2025 में नियमानुसार जमा व भुगतान की जाएगी।
नगर निगम आयुक्त, फरीदाबाद को आदेश की अनुपालना कर 11 अगस्त 2025 तक आयोग को रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं अपीलकर्ता से कहा गया है कि वह अपने बैंक खाते का विवरण आयोग व निगम को शीघ्र प्रेषित करें, ताकि क्षतिपूर्ति की राशि उनके खाते में स्थानांतरित की जा सके।
इसके अतिरिक्त, आयोग ने यह भी पाया कि इस मामले में जिला स्तर पर एफ.जी.आर.ए. व एस.जी.आर.ए. अधिकारियों ने शिकायत निस्तारण में आवश्यक संवेदनशीलता नहीं बरती और तकनीकी पहलुओं पर ज़रूरत से ज़्यादा ध्यान दिया गया। आयोग ने अपेक्षा जताई है कि भविष्य में ऐसे मामलों में अधिकारी जनहित और संवेदना को प्राथमिकता देंगे।