मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर फसल रजिस्ट्रेशन से जुड़े सवालों के लिए टोल फ्री नंबर जारी, जानें पूरी प्रक्रिया

Navdesh Times
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यमुनानगर, 19 अगस्त (नवदेश टाइम्स) : हरियाणा सरकार किसानों की भलाई के लिए कई योजनाएं चला रही है। इसी क्रम में खरीफ सीजन की फसलों के लिए *मेरी फसल–मेरा ब्योरा पोर्टल* पर पंजीकरण की प्रक्रिया चल रही है। सरकार ने किसानों को 31 अगस्त 2025 तक का समय दिया है। यानी जिन किसानों ने अभी तक अपनी फसलों का विवरण पोर्टल पर दर्ज नहीं कराया है, वे निर्धारित तिथि तक यह काम अवश्य पूरा कर लें। यह जानकारी उपायुक्त (डीसी) पार्थ गुप्ता ने जिला यमुनानगर के किसानों को संबोधित करते हुए दी।


डीसी ने कहा कि प्रदेश सरकार का उद्देश्य है कि किसानों को समय पर मंडियों में अपनी फसल बेचने का अवसर मिले और उन्हें सरकारी भाव पर उपज का दाम मिल सके। इसके लिए जरूरी है कि किसान अपनी फसलों का सही–सही ब्यौरा पोर्टल पर दर्ज करें। उन्होंने बताया कि यदि कोई किसान पंजीकरण नहीं कराता तो सरकारी खरीद में उसकी उपज शामिल नहीं की जाएगी। ऐसे में किसान को बाजार में औने–पौने भाव पर फसल बेचनी पड़ सकती है।


 क्यों जरूरी है पंजीकरण

सरकार ने स्पष्ट किया है कि *मेरी फसल–मेरा ब्योरा पोर्टल* पर पंजीकरण करवाने वाले किसान ही न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और अन्य योजनाओं का लाभ उठा पाएंगे। यह पोर्टल किसानों और सरकार के बीच एक डिजिटल कड़ी की तरह काम करता है। किसानों की पूरी जानकारी राज्य सरकार के डेटाबेस में दर्ज होती है। इसमें किसान का नाम, परिवार पहचान पत्र (PPP), जमीन का विवरण, किस खेत में कौन–सी फसल बोई गई है, आदि सबकुछ अंकित किया जाता है।


कृषि विभाग के उपनिदेशक आदित्य प्रताप डबास ने बताया कि इस पोर्टल पर पंजीकरण करने से किसान कई प्रकार की योजनाओं से सीधे जुड़ जाते हैं। चाहे वह बीमा योजना हो, मुआवजा योजना हो, या फिर प्राकृतिक आपदा के समय मिलने वाली राहत राशि—हर योजना के लिए किसान का पंजीकृत होना अनिवार्य है।


भौतिक सत्यापन भी होगा

डीसी पार्थ गुप्ता ने बताया कि किसान पोर्टल पर जितनी भी जानकारी देंगे, उसका भौतिक सत्यापन भी किया जाएगा। यानी कृषि विभाग की टीम खेतों में जाकर यह जांचेगी कि किसान ने कौन–सी फसल बोई है और कितनी बोई है। इस प्रक्रिया का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई गलत जानकारी दर्ज न कराए और हर किसान को वास्तविक उत्पादन के अनुसार लाभ मिले।


उन्होंने यह भी बताया कि जब फसलों की खरीद का समय आता है, तो सरकार के पास उपलब्ध डेटा के आधार पर किसानों को मंडी में बुलाना आसान हो जाता है। किसानों के पंजीकृत मोबाइल नंबर पर मैसेज भेजकर यह जानकारी दी जाती है कि उन्हें किस दिन, किस मंडी और किस समय पर अपनी उपज लानी है। इससे अनावश्यक भीड़ और अव्यवस्था से बचा जा सकता है।


 किसान कैसे कर सकते हैं पंजीकरण?

कृषि विभाग ने किसानों को पोर्टल पर पंजीकरण के लिए कई विकल्प दिए हैं। किसान घर बैठे अपने मोबाइल या कंप्यूटर से [https://fasal.haryana.gov.in](https://fasal.haryana.gov.in) पर जाकर पंजीकरण कर सकते हैं। इसके अलावा नजदीकी सामान्य सेवा केंद्र (CSC) पर जाकर भी यह काम करवाया जा सकता है।


पंजीकरण के लिए किसान के पास **परिवार पहचान पत्र (PPP)** होना अनिवार्य है। बिना PPP के पोर्टल पर एंट्री नहीं होगी। साथ ही किसान को जमीन का खसरा–खतौनी नंबर, आधार कार्ड और मोबाइल नंबर साथ रखना जरूरी है।


 किसानों के लिए हेल्पलाइन

कृषि विभाग ने किसानों की सुविधा के लिए टोल फ्री नंबर **1800–180–2117** भी जारी किया है। किसी भी प्रकार की समस्या या जानकारी के लिए किसान इस नंबर पर संपर्क कर सकते हैं। विभाग के अधिकारी किसानों की हर शंका का समाधान करेंगे।


सरकार की मंशा

हरियाणा सरकार लंबे समय से यह प्रयास कर रही है कि किसानों को उनकी मेहनत का पूरा दाम मिले। अक्सर देखा गया है कि मंडियों में बिना पंजीकरण वाले किसानों को कठिनाई झेलनी पड़ती है। ऐसे किसानों को बिचौलियों के हाथों अपनी उपज बेचनी पड़ती है और उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य भी नहीं मिल पाता। लेकिन अब सरकार ने सख्ती से यह नियम लागू कर दिया है कि केवल वही किसान सरकारी खरीद में शामिल होंगे जिन्होंने समय पर पोर्टल पर पंजीकरण कराया होगा।


किसानों की प्रतिक्रिया

जिला यमुनानगर के कई किसानों ने सरकार की इस पहल का स्वागत किया है। किसानों का कहना है कि “पहले मंडी में फसल बेचने के लिए काफी भागदौड़ करनी पड़ती थी। अब पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के बाद हमें सीधे मैसेज मिल जाता है कि किस दिन मंडी जाना है। इससे समय भी बचता है और अनावश्यक भीड़ से भी छुटकारा मिलता है।” वहीं किसान राम सिंह, प्रवीन, अमन कुमार, मोहन लाल ने कहा कि “सरकार ने यह व्यवस्था ठीक की है, लेकिन कभी–कभी इंटरनेट की समस्या आ जाती है। ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क की कमी से रजिस्ट्रेशन करने में परेशानी होती है। सरकार को चाहिए कि गांवों में विशेष कैंप लगाकर किसानों का पंजीकरण कराए।”


प्रशासन की अपील

उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने एक बार फिर किसानों से आह्वान किया कि सभी किसान, जिन्होंने खरीफ फसलों की बुवाई कर ली है, वे निर्धारित समय सीमा के भीतर–भीतर अपनी फसलों का पंजीकरण अवश्य करवा लें। उन्होंने कहा कि “जिन किसानों ने अभी तक पंजीकरण नहीं कराया है, वे देरी न करें, क्योंकि अंतिम दिनों में सर्वर पर दबाव बढ़ जाता है। इससे पोर्टल धीमा हो सकता है और परेशानी हो सकती है।”


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