चंडीगढ़ - सिविल अस्पतालों में आने वाले प्रत्येक मरीज को आवश्यक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाना सरकार का लक्ष्य - मुख्यमंत्री

Navdesh Times
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चंडीगढ़, 7 अगस्त (नवदेश टाइम्स) - हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के सिविल अस्पतालों के आधुनिकीकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए इन अस्पतालों को निजी स्वास्थ्य सुविधाओं के मानकों के अनुरूप उन्नत करने के लिए एक परिवर्तनकारी पहल शुरू की है। यह पहल हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा की गई बजट घोषणा को पूरा करने की दिशा में एक अहम कदम है।

 

यह दूरदर्शी प्रयास सिविल अस्पतालों के बुनियादी ढाँचे के नवीनीकरण पर केंद्रित हैजिसमें शौचालय की मरम्मत से लेकर सफेदी और रंग-रोगन शामिल है।  इसका  उद्देश्य रोगियों को स्वच्छ वातावरण उपलब्ध करवाना है।

 

यह जानकारी आज यहाँ मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आयोजित में जिला सिविल अस्पतालों की समीक्षा बैठक में दी गई।

 

8 सिविल अस्पतालों में विशेष मरम्मत और नवीनीकरण का कार्य जारी

 

बैठक में बताया गया कि पंचकूलाजींदगुरुग्रामकैथलमांडीखेड़ा (नूंह)रेवाड़ीसिरसा और कुरुक्षेत्र सहित  8 सिविल अस्पतालों में विशेष मरम्मत और नवीनीकरण का कार्य शुरू हो चुका है। इसके अलावाअंबालाभिवानीपलवलरनालपानीपतसोनीपतझज्जरनारनौलफतेहाबादफरीदाबादरोहतकहिसार और चरखी दादरी सहित 13  जिला अस्पतालों में भी जल्द ही कार्य शुरू किया जाएगा।

 

इस योजना के तहत बिजली की मरम्मतबेहतर लाइटिंग व्यवस्था और रोगी देखभाल तथा कर्मचारियों की कार्यकुशलता में सुधार के लिए विश्वसनीय एयर कंडीशनिंग आदि आवश्यक सुविधाओं का सुदृढ़ीकरण  शामिल है। आंतरिक सड़कों की मरम्मत और अस्पताल के संकेतों को ठीक करने जैसे व्यावहारिक सुधारों से आवागमन आसान होगा और आगंतुकों और स्वास्थ्य कर्मियोंदोनों के लिए एक बेहतर वातावरण तैयार होगा। अस्पताल भवनों के सुधारीकरण के साथ-साथ अग्निशमन सुविधाओं को मजबूत किया जायेगा। इसके अलावा बागवानी सुधारों के माध्यम से अस्पताल परिसरों में हरियाली लाई जाएगी। 

 

निजी अस्पतालों पर निर्भरता कम करने के लिए सभी सिविल अस्पतालों को उन्नत सुविधाओं से किया जा रहा है सुसज्जित 

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने सदन में राज्य भर के सभी सिविल अस्पतालों के आधुनिकीकरण और उन्हें मरीज़ों के लिए आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित करने की घोषणा की है। उन्होंने राज्य सरकार की इस प्रतिबद्धता पर ज़ोर दिया कि सिविल अस्पतालों में आने वाले हर मरीज़ को सभी ज़रूरी सेवाएँ मिलें। उन्होंने कहा कि सभी सिविल अस्पतालों को उन्नत उपचार सुविधाओं से सुसज्जित किया जा रहा है ताकि लोगों को इलाज के लिए निजी अस्पतालों में न जाना पड़े।

 

मरीजों के लिए उपचार संबंधी सभी उपकरणों को बेहतर  स्थिति में रखा जाये 

 

मुख्यमंत्री ने ज़िला अस्पतालों में मरीज़ों के लिए उपलब्ध सेवाओं की भी समीक्षा कीजिनमें निजी कक्षसीटी स्कैनअल्ट्रासाउंडएमआरआईस्वचालित प्रयोगशालाएँब्लड बैंक और एक्स-रे शामिल हैं। उन्होंने निर्देश दिया कि मरीज़ों को निर्बाध सेवाएँ प्रदान करने के लिए सभी मशीनों को अच्छी स्थिति में रखा जाए। उन्होंने इन मशीनों को प्रभावी ढंग से संचालित करने के लिए पर्याप्त कर्मचारियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर भी ज़ोर दिया।

 

डॉक्टरों के 450 रिक्त पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया जल्द शुरू होगीजिससे गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा को बढ़ावा मिलेगा

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने राज्य भर के सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की उपलब्धता सुनिश्चित की है। उन्होंने निर्देश दिए कि लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के प्रयासों को सुदृढ़ करने के लिए डॉक्टरों के 450 रिक्त पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू की जाए।

 

जिला अस्पतालों में जन औषधि केंद्र 24 घंटे हों संचालित 

 

उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि जिला अस्पतालों में संचालित जन औषधि केंद्रों को 24 घंटे संचालित किया जाए। इसके लिएइन केंद्रों का प्रबंधन सहकारी समितियों के माध्यम से किया जा सकता है। वर्तमान मेंजन औषधि केंद्र अस्पताल के कर्मचारियों द्वारा कार्य समय के दौरान संचालित किए जाते हैं और जनता को बाजार मूल्य से काफी कम कीमतों पर दवाइयाँ उपलब्ध कराते हैं। बैठक में जानकारी दी गई कि सभी जिला अस्पतालों में सूचीबद्ध आवश्यक दवाओं का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है। दिसंबर 2023 में, 272 प्रकार की दवाइयाँ और अन्य उपभोग्य वस्तुएँ अनुबंध सूची में थींजो अब बढ़कर 534 हो गई हैं।          

 

मौजूदा 114 सरकारी आरक्षित पैकेजों में पाँच नए चिकित्सा और शल्य चिकित्सा पैकेज जोड़े गए

 

मुख्यमंत्री को अवगत करवाया गया कि आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY/CHIRAY) के अंतर्गत सार्वजनिक या सरकारी अस्पतालों की भागीदारी बढ़ाने और इस योजना के अंतर्गत चिकित्सा और शल्य चिकित्सा पैकेजों के अत्यधिक उपयोग को रोकने के उद्देश्य सेहरियाणा में उक्त योजना के अंतर्गत पहले से ही 114 सरकारी आरक्षित पैकेजों के अतिरिक्त पाँच चिकित्सा और शल्य चिकित्सा पैकेज सरकारी आरक्षित किए गए हैं। इनमें Phacoemulsification with foldable hydrophobic acrylic, AbdominalHysterectomy, Acute exacerbation of COPD, acute gastroenteritis with severedehydration and cholecystectomy - without Exploration of CBD - Lap. शामिल हैं।

 

इसके अलावा, 10 अन्य पैकेज को भी इसके तहत शामिल करना प्रस्तावित है। इनमें पूरे  घुटने  का प्रतिस्थापनपूरे कूल्हे का प्रतिस्थापनटिम्पेनोप्लास्टी, हर्निया की मरम्मतएपेंडिसेक्टॉमीएडेनोइडेक्टॉमीहेमरोइडेक्टॉमीटॉन्सिलेक्टॉमीहाइड्रोसील और खतना शामिल हैं।

 

राज्य में लगातार हो रहा लिंगानुपात में सुधार 

 

मुख्यमंत्री को अवगत करवाया गया कि स्वास्थ्य विभाग के सघन चैकिंग अभियानों के चलते राज्य में लिंगानुपात में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। यह पिछले वर्ष जुलाई के 899 से बढ़कर जुलाई 2025 तक 907 हो गया है। 

 

उन्हें यह भी बताया गया कि एक राज्य टास्क फोर्स का गठन किया गया है और स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में प्रत्येक मंगलवार को समीक्षा बैठकें आयोजित की जाती हैं। एमटीपी केंद्रों से प्राप्त रिपोर्टों का बारीकी से विश्लेषण किया जाता है और दो जीवित बेटियों वाली गर्भवती महिलाओं पर एमटीपी करने वाले किसी भी केंद्र की कड़ी निगरानी की जाती है।

 

इसके अतिरिक्तएक या अधिक जीवित बेटियों वाली गर्भवती महिलाओं की पहचान की जाती है और उन्हें एक आशा या आंगनवाड़ी कार्यकर्ता से जोड़ा जाता हैजो उनकी गर्भावस्था पर नज़र रखती हैं और सफल प्रसव के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करती हैं। इन गर्भवती महिलाओं के गर्भपात या एमटीपी के दुरुपयोग को रोकने के लिए रिवर्स-ट्रैकिंग भी की जा रही है।

 

इस अवसर पर बैठक में हरियाणा के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगीमुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लरस्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपालमुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ. साकेत कुमारराष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक एवं स्वास्थ्य विभाग के सचिव रिपुदमन सिंहचिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान निदेशक यशेन्द्र सिंहहरियाणा चिकित्सा सेवा निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक डॉ. मनोजस्वास्थ्य सेवाएं महानिदेशक डॉ. मनीष बंसल एवं डॉ. कुलदीप सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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